12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान | 12 ज्योतिर्लिंग श्लोक | 12 ज्योतिर्लिंग कहां कहां है | 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और फोटो
अगर आप भी 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और उनके स्थान के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए है।
इस आर्टिकल को पूरा पढ़ कर आप जान जाओगे कि भारत के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिङ्ग क्रमशः सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, काशी विश्वनाथ, त्रिंबकेश्वर, बैजनाथ, रामेश्वर, नागेश्वर और घृष्णेश्वर। ये सभी ज्योतिर्लिङ्ग भारत में किन स्थानों पर? इसी से इससे संबंधित सभी प्रकार की जानकारी आज आपको जानने को मिलेगी।
क्योंकि कई सारे लोगों को इससे संबंधित जानकारी नहीं पता होने के कारण उन्हें। पर्याप्त जानकारी नहीं मिल पाती है। अगर आप भी इन 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के बारे में सोच रहे हैं तो इससे जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी आज हम आपको उपलब्ध करवाने वाले हैं। इसके लिए इस पोस्ट को पूरा अंत तक पढ़ना जारी रखें।
- 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान
- 1.) सोमनाथ (Somnath) – गुजरात
- 2.) मल्लिकार्जुन (Mallikarjuna) – अंध्र प्रदेश
- 3.) महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) – मध्य प्रदेश (उज्जैन)
- 4.) ओंकारेश्वर (Omkareshwar) – मध्य प्रदेश (खंडवा)
- 5.) केदारनाथ (Kedarnath) – उत्तराखंड
- 6.) भीमाशंकर (Bhimashankar) – महाराष्ट्र
- 7.) काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) – उत्तर प्रदेश (वाराणसी)
- 8.) त्रिम्बकेश्वर (Trimbakeshwar) – महाराष्ट्र
- 9.) वैद्यनाथ (Vaidyanath) – झारखंड
- 10.) रामेश्वरम (Ramanathaswamy) – तमिलनाडु (रामेश्वरम)
- 11.) नागेश्वर (Nageshwar) – गुजरात (द्वारका)
- 12.) घृणेश्वर (Grishneshwar) – महाराष्ट्र
- 12 ज्योतिर्लिंग मंत्र
- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंत्र
- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंत्र
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंत्र
- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंत्र
- केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंत्र
- भीम शंकर ज्योतिर्लिंग मंत्र
- विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंत्र
- त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंत्र
- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंत्र
- रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंत्र
- घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंत्र
- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंत्र
- 12 ज्योतिर्लिंग से जुड़े सवाल-जवाब
12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान
भारत में 12 ज्योतिर्लिंग शिव मंदिर हैं, जो भगवान शिव के प्रतीक हैं और हिन्दू तीर्थ यात्रा के महत्वपूर्ण स्थल हैं। ये 12 ज्योतिर्लिंग और उनके स्थान हैं:
जैसे कि आप जानते हो कि भारत में 12 ज्योतिर्लिंग शिव मंदिर है जो भगवान शिव के प्रतीक है और हिंदू तीर्थ यात्रा के महत्वपूर्ण स्थल है । यह 12 ज्योतिर्लिंग और उनके स्थान क्रमशः सोमनाथ गुजरात में, मल्लिकार्जुन आंध्र प्रदेश में, महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर मध्य प्रदेश में, केदारनाथ उत्तराखंड में ,भीमाशंकर महाराष्ट्र में, काशी विश्वनाथ उत्तर प्रदेश में, त्रंबकेश्वर महाराष्ट्र में, बैजनाथ झारखंड में, नागेश्वर गुजरात में, रामेश्वर तमिलनाडु में और घृष्णेश्वर महाराष्ट्र में स्थित है ।

1.) सोमनाथ (Somnath) – गुजरात
सोमनाथ (Somnath) गुजरात राज्य, भारत में स्थित है और एक प्रमुख तीर्थस्थल है। सोमनाथ ज्यों कि प्राचीन समय से ही महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।

- सोमनाथ मंदिर: सोमनाथ का प्रमुख आकर्षण सोमनाथ मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर भारतीय इतिहास में कई बार नष्ट हुआ और पुनर्निर्माण हुआ है, और इसका इतिहास भारतीय संगठनता और संविधान की रक्षा के लिए लड़ी गई युद्धों के साथ जुड़ा है।
- सोमनाथ बीच: सोमनाथ के पास समुद्र किनारे पर सुंदर समुंदर किनारे स्थित है, जो पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है। यहाँ पर्यटक समुंदर के किनारे घूमने, ध्यान करने और आनंद लेने का आनंद लेते हैं।
- प्राचीन इतिहास: सोमनाथ एक प्राचीन नगर है जो महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक घटनाओं के साथ जुड़ा हुआ है। यहाँ पर प्राचीन काल में महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ हुआ करती थीं और यह भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सोमनाथ गुजरात का एक धार्मिक और पर्यटन स्थल है जो भारतीय धर्म, ऐतिहासिक महत्व, और सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है।
2.) मल्लिकार्जुन (Mallikarjuna) – अंध्र प्रदेश
मल्लिकार्जुन अंध्र प्रदेश, भारत में स्थित एक महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थल है। यह श्री शैलम् (Srisailam) नामक स्थल पर स्थित है और भगवान शिव के एक महत्वपूर्ण मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है। मल्लिकार्जुन मंदिर और श्री भ्रमराम्बा देवी मंदिर का यह समुह सामाजिक और धार्मिक महत्व का हिस्सा है और यहाँ हिन्दू धर्म के श्राद्ध पूजा और तपस्या का स्थल है।

यहाँ पर मल्लिकार्जुन मंदिर का सभी ध्यान अपने पवित्रतम रूप में भगवान शिव को समर्पित है, और इसे ‘कैलास मंदिर के दक्षिणी क्षेत्र का दक्षिणी कैलास’ के रूप में जाना जाता है।
इस मंदिर का आराधना प्रवृत्ति वाले दिनों में भागी लेने वाले विशाल संख्या के पिलग्रिम्स और दर्शनार्थियों के लिए प्रसिद्ध हैं, और इसका एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।
मल्लिकार्जुन और भ्रमराम्बा देवी मंदिर के दर्शन के साथ-साथ, सृष्टि के सृष्टकर्ता भगवान शिव और परम शक्ति देवी दुर्गा के एक अद्वितीय विवाह का पुराणिक मान्यता भी जुड़ा हुआ है।
यह स्थल हिन्दू तीर्थस्थलों में से एक है और भारतीय संस्कृति और धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भक्तों और धार्मिक यात्रीगण के लिए महत्वपूर्ण है।
3.) महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) – मध्य प्रदेश (उज्जैन)
महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) एक प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थल है, जो मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में स्थित है। यहाँ पर भगवान शिव का एक प्रमुख मंदिर है, जिसे महाकालेश्वर ज्यों कि भगवान शिव का महकाल स्वरूप माना जाता है।

महाकालेश्वर मंदिर एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है, जिसका निर्माण भारतीय धार्मिक साहित्य में लगभग 11वीं सदी में किया गया था। यह मंदिर ज्यों कि प्रतिदिन का भगवान शिव के लिए अलग-अलग पूजा अवसरों का आयोजन करता है, और यह एक महत्वपूर्ण पिलग्रिम और धार्मिक स्थल है।
महाकालेश्वर मंदिर का सबसे अद्वितीय फीचर है शिवलिंग की अविकल कालिका पूजा, जिसमें भगवान शिव के शिवलिंग का पूजा प्रतिदिन रात्रि को कालिका अवसर पर किया जाता है। यह पूजा महाकालेश्वर मंदिर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है और बहुत सारे भक्तों को आकर्षित करती है।
महाकालेश्वर मंदिर के पास ही सिम्हासन घाट (Simhastha Ghat) है, जो हर 12 साल में आयोजित होने वाले उज्जैन सिम्हास्थ कुम्भ मेले के लिए महत्वपूर्ण है।
यह स्थल हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है और भारतीय संस्कृति और धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
4.) ओंकारेश्वर (Omkareshwar) – मध्य प्रदेश (खंडवा)
ओंकारेश्वर (Omkareshwar) मध्य प्रदेश राज्य, भारत में स्थित एक प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थल है जो खंडवा जिले में स्थित है। यहाँ पर भगवान शिव का एक प्रमुख मंदिर है, जिसे ओंकारेश्वर ज्यों कि शिव के ओंकार स्वरूप के रूप में जाना जाता है।

ओंकारेश्वर मंदिर नर्मदा नदी के किनारे स्थित है और इसे पुल से जुड़ा हुआ है, जिससे यह स्थल प्राकृतिक सौंदर्य का भी एक आकर्षण है। मंदिर के गोपुरम और अर्चिटेक्चर ने इसको एक प्रसिद्ध और पूज्य स्थल बना दिया है।
ओंकारेश्वर मंदिर का प्राचीन इतिहास है और इसे महाकालेश्वर मंदिर के साथ जोड़कर द्वादश ज्योतिर्लिंग में शामिल किया जाता है, जो भगवान शिव के 12 प्रमुख लिंगों को संकेत करता है।
ओंकारेश्वर मंदिर एक पूज्य स्थल है और प्रतिवर्ष में बड़े आकर्षण वाले महाशिवरात्रि महोत्सव के अवसर पर भगवान शिव के भक्तों द्वारा धार्मिक पूजा और अर्चना के लिए जाते हैं।
यह स्थल भारतीय संस्कृति, धर्म और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
5.) केदारनाथ (Kedarnath) – उत्तराखंड
केदारनाथ (Kedarnath) एक प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थल है जो भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है। यह स्थल हिमालय के पास, मणिकांडा नदी के किनारे स्थित है और यह भगवान शिव को समर्पित है। केदारनाथ का नाम भगवान शिव के प्रसिद्ध एक नाम, “केदार” से आया है।

केदारनाथ मंदिर हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक है, जिसे चार यात्रा (Char Dham Yatra) का हिस्सा माना जाता है। यह मंदिर चार धामों में केदारनाथ का दूसरा धाम है, और यह यात्रा के पिलग्रिम्स के लिए महत्वपूर्ण है।
केदारनाथ मंदिर का भगवान शिव के एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग के रूप में महत्व है, और इसे दुनियाभर के शिव भक्तों के द्वारा पूज्य गया है। यहाँ पर कुछ प्राचीन प्राकृतिक और मान्यता-बाज ऐतिहासिक स्थल भी हैं, जैसे कि गौरीकुण्ड, त्रिपुण्डी गुफा, और चोरबारी ग्वाल्टोली।
केदारनाथ का पास बढ़ता हुआ सरोवर, केदार ताल, भी बहुत ही पवित्र माना जाता है और इसे यात्रीगण द्वारा दर्शन के लिए जाते हैं।
यह स्थल भारतीय संस्कृति, धर्म, और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और यहाँ के पिलग्रिम्स और भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
6.) भीमाशंकर (Bhimashankar) – महाराष्ट्र
भीमाशंकर (Bhimashankar) महाराष्ट्र राज्य, भारत में स्थित है और यह एक महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थल है। यह स्थल भगवान शिव को समर्पित है और भीमाशंकर ज्यों कि भगवान शिव का एक महत्वपूर्ण आद्यतिर्थ और ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रसिद्ध है।

भीमाशंकर मंदिर यहाँ के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक है और इसे प्रतिवर्ष लाखों पिलग्रिम्स और भक्तों के द्वारा दर्शन के लिए जाते हैं। मंदिर का वास्तुकला और स्थान भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
भीमाशंकर क्षेत्र में प्राकृतिक सौंदर्य भी है, और यह हिमालय की खोज करने और ट्रेकिंग करने के लिए एक आकर्षण है।
यह स्थल भारतीय संस्कृति, धर्म और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
7.) काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) – उत्तर प्रदेश (वाराणसी)
काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर में स्थित है और यह एक प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थल है। यहाँ पर भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख मंदिर है, जिसे काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है।

काशी विश्वनाथ मंदिर भारतीय धर्म के सबसे प्रमुख और पवित्र मंदिरों में से एक है और यह वाराणसी के श्रीक्षेत्र में स्थित है, जिसे भगवान शिव के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर हिन्दू धर्म के विशेष महत्व का प्रतीक है और भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
काशी विश्वनाथ मंदिर का विशेष फीचर है गोल्डन डोम (Golden Dome) जो शिखर पर स्थित है और मंदिर को अत्यधिक प्राचीन और महत्वपूर्ण बनाता है। मंदिर के पास ही काशी की घाटों में से एक है दशाश्वमेद घाट, जो भगवान शिव के अनुष्ठानों का एक प्रमुख स्थल है।
काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन करने के लिए दुनियाभर से लाखों पिलग्रिम्स और भक्त आते हैं, और यहाँ के पुजारियों द्वारा निरंतर पूजा और अर्चना की जाती है।
काशी विश्वनाथ मंदिर का यह स्थल भारतीय संस्कृति, धर्म, और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
8.) त्रिम्बकेश्वर (Trimbakeshwar) – महाराष्ट्र
त्रिम्बकेश्वर (Trimbakeshwar) महाराष्ट्र राज्य, भारत में स्थित है और यह एक महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थल है। यह स्थल भगवान शिव को समर्पित है और त्रिम्बकेश्वर ज्यों कि भगवान शिव के त्रिम्बक स्वरूप के रूप में प्रसिद्ध है।

त्रिम्बकेश्वर मंदिर नासिक जिले के त्रिम्बक शहर में स्थित है और महाराष्ट्र के एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में माना जाता है। मंदिर का वास्तुकला और अर्चिटेक्चर इसे पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध बनाते हैं।
त्रिम्बकेश्वर मंदिर के पास ही गौशाला घाट और कुशावर्त घाट जैसे प्राकृतिक सौंदर्य स्थल हैं, जिन्हें पर्यटक भी आकर्षित करते हैं।
त्रिम्बकेश्वर क्षेत्र में ही गोदावरी नदी का उद्गम स्थल है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
यह स्थल हिन्दू धर्म के विशेष महत्व का प्रतीक है और भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
9.) वैद्यनाथ (Vaidyanath) – झारखंड
वैद्यनाथ (Vaidyanath) झारखंड राज्य, भारत में स्थित है और यह भगवान शिव के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। यह स्थल झारखंड के देवघर जिले के बाबा बैद्यनाथ धाम (Baba Vaidyanath Dham) के नाम से भी जाना जाता है।

वैद्यनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह शिव के वैद्य (चिकित्सक) स्वरूप के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ पर एक प्रमुख मंदिर है, जिसमें भगवान शिव की मूर्ति है और इसे प्रतिवर्ष लाखों पिलग्रिम्स और भक्तों के द्वारा दर्शन के लिए जाते हैं।
वैद्यनाथ मंदिर का स्थान पारंपरिक रूप से महत्वपूर्ण है और यहाँ पर्यटकों और धार्मिक यात्रीगण को अपनी यात्राओं के दौरान आकर्षित करता है।
वैद्यनाथ क्षेत्र में ही वैद्यनाथी गुफा भी स्थित है, जिसमें भगवान शिव के वैद्यनाथ रूप के प्रतिमा की पूजा की जाती है।
यह स्थल भारतीय संस्कृति, धर्म, और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
10.) रामेश्वरम (Ramanathaswamy) – तमिलनाडु (रामेश्वरम)
रामेश्वरम (Ramanathaswamy) तमिलनाडु राज्य, भारत में स्थित है और यह एक महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थल है। यह स्थल भगवान शिव को समर्पित है और भगवान राम के द्वारका यात्रा के दौरान रामेश्वरम द्वीप पर भगवान शिव के प्रति उनकी पूजा के बाद बनाया गया था।

रामेश्वरम में श्रीरामनाथस्वामी मंदिर है, जिसमें भगवान शिव की मूर्ति है, और यह एक प्रमुख पिलग्रिम्स स्थल है। मंदिर का संरचना और वास्तुकला इसे विशेष बनाते हैं, और यह यात्रीगण और भक्तों के द्वारा पूज्य है।
रामेश्वरम द्वीप प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है और यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। यह द्वीप पर विभिन्न तीर्थस्थल, घाट, और स्थानिक धार्मिक महत्वपूर्ण स्थल हैं, जिन्हें पर्यटक दर्शन के लिए जाते हैं।
रामेश्वरम भारतीय संस्कृति, धर्म, और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
11.) नागेश्वर (Nageshwar) – गुजरात (द्वारका)
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga) गुजरात राज्य, भारत में स्थित है और यह भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह स्थल द्वारका शहर के पास है और भगवान शिव को समर्पित है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का नाम भगवान शिव के नाग (सांप) रूप से माना जाता है, और इस ज्योतिर्लिंग की मूर्ति एक विशेष नाग के साथ है।
यह मंदिर एक प्रमुख पिलग्रिम्स स्थल है और यहाँ पर भगवान शिव की पूजा और अर्चना की जाती है। मंदिर का स्थान गुजरात के समुद्र तट पर स्थित है, जिससे यह एक प्राकृतिक सौंदर्य स्थल भी है।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने के लिए भक्तों और पिलग्रिम्स को द्वारका जाना होता है, जो एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल भी है।
यह स्थल भारतीय संस्कृति, धर्म, और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
12.) घृणेश्वर (Grishneshwar) – महाराष्ट्र
घृणेश्वर ज्योतिर्लिंग (Grishneshwar Jyotirlinga) महाराष्ट्र राज्य, भारत में स्थित है और यह भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह स्थल एजिंथा जिले के डौलताबाद गाँव के पास है और भगवान शिव को समर्पित है।

घृणेश्वर ज्योतिर्लिंग का नाम भगवान शिव के “घृणा” यानी “क्रोध” रूप से माना जाता है, और इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कथा है।
महाराष्ट्र में घृणेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने के लिए भक्तों और पिलग्रिम्स को डौलताबाद जाना होता है, जो एक प्रमुख पिलग्रिम्स स्थल है। मंदिर का स्थान दौलताबाद किले के पास है, जो एक ऐतिहासिक किला है।
घृणेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने से भगवान शिव के भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति की प्रतीत होती है, और यह स्थल भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
12 ज्योतिर्लिंग मंत्र
भारत में स्थित सभी 12 ज्योतिर्लिंग उनके मंत्र कौन-कौन से हैं आपको बताई जा रहे हैं जिसे आप जानिए।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंत्र
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम् ।
उज्जयिन्यां महाकालम्ॐकारममलेश्वरम् ॥१॥परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमाशंकरम् ।
सेतुबंधे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥२॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यंबकं गौतमीतटे ।
हिमालये तु केदारम् घुश्मेशं च शिवालये ॥३॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः ।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति ॥४॥
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंत्र
उमाकांताय कांताय कामितार्थ प्रदायिने
श्रीगिरीशाय देवाय मल्लिनाथाय मंगलम् ॥सर्वमंगल रूपाय श्री नगेंद्र निवासिने
गंगाधराय नाथाय श्रीगिरीशाय मंगलम् ॥
सत्यानंद स्वरूपाय नित्यानंद विधायने
स्तुत्याय श्रुतिगम्याय श्रीगिरीशाय मंगलम् ॥
मुक्तिप्रदाय मुख्याय भक्तानुग्रहकारिणे
सुंदरेशाय सौम्याय श्रीगिरीशाय मंगलम् ॥
श्रीशैले शिखरेश्वरं गणपतिं श्री हटकेशं
पुनस्सारंगेश्वर बिंदुतीर्थममलं घंटार्क सिद्धेश्वरम् ।
गंगां श्री भ्रमरांबिकां गिरिसुतामारामवीरेश्वरं
शंखंचक्र वराहतीर्थमनिशं श्रीशैलनाथं भजे ॥
हस्तेकुरंगं गिरिमध्यरंगं शृंगारितांगं गिरिजानुषंगम्
मूर्देंदुगंगं मदनांग भंगं श्रीशैललिंगं शिरसा नमामि ॥
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंत्र
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥ अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्। अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंत्र
वैदिक मंत्र,जय श्री ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंगम। ॐ कार बिंदु सयुक्तम् नित्यं ध्यायती योगी नः । कामदम् मोक्षदम् चैव ॐ काराय नमो नमः ।।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंत्र
महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं
सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः।
सुरासुरैर्यक्ष महोरगाढ्यैः
केदारमीशं शिवमेकमीडे॥॥
भीम शंकर ज्योतिर्लिंग मंत्र
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंत्र: “ॐ इंदुशब्दसहिताय विध्महे त्र्यम्बकाय धीमहि। तन्नो भीमाशंकरः प्रचोदयात्।।
विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंत्र
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च। नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:॥
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंत्र
भगवान शिव का एक नाम त्र्यंबकेश्वर भी है. सह्याद्रिशीर्षे विमले वसन्तं गोदावरीतीरपवित्रदेशे । यद्दर्शनात्पातकमाशु नाशं प्रयाति तं त्र्यम्बकमीशमीडे ।।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंत्र
एतद् यः श्रृणुयान्नित्यं नागेशोद्भवमादरात्। सर्वान् कामानियाद् धीमान् महापातकनाशनम्॥
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंत्र
सुताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसंख्यै: । श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि ।।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंत्र
इलापुरे रम्यविशालकेऽस्मिन्
समुल्लसन्तं च जगद्वरेण्यम्।
वन्दे महोदारतरस्वभावं
घृष्णेश्वराख्यं शरणम् प्रपद्ये॥॥
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंत्र
सुरासुराराधितपादपद्यं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि।। पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसंतं गिरिजासमेतम्। सुरासुराराधितपादपद्यं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि।।
12 ज्योतिर्लिंग से जुड़े सवाल-जवाब
भारत के 12 ज्योतिर्लिंग कौन कौन से राज्य में है?
यह सभी 12 ज्योतिर्लिंग भारत के गुजरात आंध्र प्रदेश मध्य प्रदेश उत्तराखंड महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश झारखंड और तमिलनाडु राज्य में स्थित है ।
12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का क्रम क्या है?
सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारेश्वर, भीमाशंकर, विश्वेश्वर (विश्वनाथ), त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, घुष्मेश्वर (घृष्णेश्वर)
12 ज्योतिर्लिंग देखने में कितने दिन लगते हैं?
इन सभी ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने में आपको लगभग एक से डेढ़ महीने का समय लग जाएगा ।
सबसे बड़ा ज्योतिर्लिंग कौन सा है?
सभी ज्योतिर्लिंग एक समान होते हैं इसमें श्रद्धालुओं के भक्ति भावनाओं पर यह सब कुछ निर्भर करता है ।
मुझे सबसे पहले किस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना चाहिए?
इसके लिए कोई विशेष तथ्य नहीं है आप तो किसी भी ज्योतिर्लिंग के दर्शन के साथ शुरुआत कर सकते हैं ।
12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने में कितना खर्च आता है?
भारत के समस्त 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने में आपको लगभग 30,000 से ₹50,000 का खर्च आ सकता है । यदि आप दर्शन करने की प्रक्रिया किसी टूरिस्ट के द्वारा करते हैं तो आपको इससे भी कम खर्चे में आपके दर्शन करने की सुविधा पूरी हो जाएगी ।
मध्य प्रदेश में कितने ज्योतिर्लिंग है?
मध्य प्रदेश में दो ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर है ।
निष्कर्ष
आशा ही किया वापस पोस्ट को पूरा पढ़कर 12 ज्योतिर्लिंग और उनके नाम और स्थान से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी आप तक पहुंच गई होगी ।
अगर आपने अभी तक इन ज्योतिर्लिंग के बारे में नहीं सुना था तो आपको हमारी इस पोस्ट के माध्यम से जन को मिल गया होगा । अगर आप भी इन समस्या ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के बारे में सोच रहे तो जल्दी ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकते हैं ।
अगर आपको ऐसी ही नई-नई ज्ञानवर्धक जानकारी हिंदी भाषा में प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट Hindineer.com को फॉलो करें ।
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