चालाक गीदड़ की कहानी | Chalak Gidad ki Kahani in Hindi

आपने वैसे तो पंचतंत्र से जुड़े कई सारी कहानियां सुनी होगी जिससे कि आपको इन कहानियों से ज्ञानवर्धक शिक्षा और मनोरंजन दोनों मिला होगा। लेकिन हम आपको एक ऐसे अनोखी चालाक गीदड़ की कहानी के बारे में बताने वाले हैं जिससे कि आप शिक्षा से नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा दोनों प्राप्त होने वाली है।

अगर आपको यह हिंदी कहानी अच्छी लगी है तो अपने मित्रों और बच्चों को जरूर से सिखाना जिससे की एक कहानी के सहायता से एक अच्छी शिक्षा समाज में मिल सके । तो चलिए आइए जानते हैं, चालाक गीदड़ की कहानी के बारे में जिसे आपको पूरा पढ़ना है जिससे कि आप इस कहानी से जुड़े सभी प्रकार की छोटी-बड़ी बातों को समझ पाओगे।

चालाक गीदड़ की कहानी के बारे में

कहानी का शीर्षकचालाक गीदड़ की कहानी
कहानी के पात्रगीदड़ (लोमड़ी), बंदर
विषयईमानदारी, बुद्धिमानी, और समय का सही तरीके से मूल्य
भाषा हिदी
हिंदी कहानी का संग्रह क्लिक करे

चालाक गीदड़ की कहानी (Chalak Gidad ki Kahani)

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक चालाक गीदड़ रहती थी। वह गीदड़ बहुत ही चालाक और बुद्धिमान थी। उसका दिल बंदरों के प्रति विशेष रूप से खिलाबी था। वह बंदरों को हमेशा फुसलाती और चुनौतियों में डालती रहती।

चालाक गीदड़ की कहानी

एक दिन, गीदड़ ने सोचा कि वह बंदरों को एक और चुनौती देगी। वह जंगल के एक पेड़ के पास गई और वहां एक मांगलिक स्तम्भ खड़ा किया। उसने स्तम्भ के ऊपर लिख दिया, “जो बंदर इस स्तम्भ को पूरा कर सकते हैं, उन्हें बड़ा इनाम मिलेगा।”

इस खबर की फुटपाथ के सभी जानवरों ने सुनी, और बंदरों के बीच में यह बड़ा ही चर्चा हुआ। बंदर बड़े ही उत्साहित हो उठे और वे आगे बढ़ने के लिए तैयार हो गए।

गीदड़ ने यह सब देखा और वह भी तय किया कि वह इस चुनौती का हिस्सा बनेगी। उसने एक छल का योजना बनाया।

जब बंदर ने स्तम्भ के पास पहुंचा, तो वह देखा कि गीदड़ पहले से ही वहां खड़ी थी। गीदड़ ने अपनी आँखों में आंसू दिखाए और कहा, “मैं इस स्तम्भ को नहीं पूरा कर सकती, क्योंकि मेरे पास बहुत ही छोटी हाथ हैं और मैं इसको नहीं छू सकती।”

बंदर ने गीदड़ की तरफ देखा और कहा, "तू चालाक है, मैं तुझे धोखा नहीं दे रहा हूँ।" फिर उसने स्तम्भ को पूरा किया और इनाम जीता।

गीदड़ ने यह सिखा कि कभी-कभी बुद्धिमान बंदरों को भी धोखा देने का प्रयास करने से कुछ हासिल नहीं होता, और सत्य हमेशा जीतता है। वह इस घड़ी की खो दी, लेकिन उसने अपने अगले चालों में और भी सावधानी बरती।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि चालाकी और धोखाधड़ी कभी भी अच्छा नहीं होता, और सच्चाई हमेशा जीतती है।

यह कहानी हमें क्या सिखाती है?

यह कहानी हमें कई महत्वपूर्ण सबक सिखाती है:-

  1. ईमानदारी और सच्चाई: कहानी दिखाती है कि धोखाधड़ी और चालाकी से अच्छा हमेशा ईमानदारी और सच्चाई होती है। गीदड़ ने जानबूझकर बंदरों को धोखा देने की कोशिश की, लेकिन उसे उसकी चाल में हार का सामना करना पड़ा।
  2. हाथ की कमजोरी: गीदड़ ने अपनी हाथों की कमजोरी को बहाना बनाया, लेकिन इसका उसे कोई लाभ नहीं हुआ। कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें कभी भी अपनी कमजोरियों का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए, और नकारात्मक तरीके से उन्हें नहीं देखना चाहिए।
  3. बुद्धिमानी: बंदर ने गीदड़ की चालों को समझा और सच्चाई को पहचाना। यह हमें बताता है कि हमें अपने आसपास के चीजों को ध्यान से देखना और समझना चाहिए, ताकि हम धोखाधड़ी से बच सकें।
  4. समय का मूल्य: गीदड़ ने अपनी समय की खोई और धोखाधड़ी के प्रयासों में अपने बचाए गए समय का प्रयोग नहीं किया। हमें यह याद दिलाती है कि समय एक मूल्यवान संसाधन है और हमें इसका सही तरीके से उपयोग करना चाहिए।
इस कहानी के माध्यम से, हमें यह सिखने को मिलता है कि ईमानदारी, बुद्धिमानी, और समय का सही तरीके से मूल्य देने की महत्वपूर्णता होती है और चालाकी और धोखाधड़ी कभी भी नाकामयाब नहीं होती।

इन कहानी को भी पड़े-

  1. तकदीर का खेल की कहानी
  2. बेस्ट फ्रेंड की कहानी
  3. नाली रामा की कहानी
  4. परियों की कहानी 
  5. 10+ जादुई कहानी मजेदार
  6. ज्ञानवर्धक हिंदी कहानी का संग्रह कथा, स्टोरी

चालाक गीदड़ की कहानी से जुड़े सवाल जवाब

  1. चालाक गीदड़ की कहानी से हमने क्या सीखा?

    हमें यह सिखने को मिलता है कि ईमानदारी, बुद्धिमानी, और समय का सही तरीके से मूल्य देने की महत्वपूर्णता होती है

  2. इस कहानी के मुख्य पात्र कौन कौन है?

    कहानी के प्रमुख पात्री:
    गीदड़ (लोमड़ी)
    बंदर

इस कहानी को जरुर शेयर कीजिये

हमारे द्वारा बताए गए इस चालाक गीदड़ की कहानी को पूरा पढ़कर आपको इस कहानी से बहुत ही अच्छी नैतिक शिक्षा मिली होगी। अगर यह कहानी आपको अच्छी लगी है तो अपने आसपास के बच्चों और अन्य लोगों को जरूर शेयर करना जिससे कि यह कहानी से मिलने वाली शिक्षा समाज में और बड़े।

और ऐसे ही नई-नई ज्ञानवर्धक कहानी प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट HindiNeer.com को फॉलो कीजिए जहाँ हमने आपके लिए कई सारी ऐसी ही नैतिक शिक्षा से भरी कहानियां उपलब्ध करवा कर रखी है।

5/5 - (1 vote)
Previous articleMobile से Airtel Dth Recharge कैसे करे? (घर बैठे)
Next articleचिड़िया रानी की कहानी | Chidiya Rani ki Kahani
हेलो दोस्तों! में Mayur Arya [hindineer.com] का Author & Founder हूँ। में Computer Science (C.s) से ग्रेजुएट हूँ। मुझे latest Topic (हिन्दी मे) के बारे में जानकारी देना अच्छा लगता है। और में Blogging क्षेत्र में वर्ष 2018 से हूँ। इस ब्लॉग के माध्यम से आप सभी का ज्ञान का स्तर को बढाना यही मेरा उद्देश्य है ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here