वैसे तो अपने हाथी और चूहे पर आधारित कई सारी ऐसी नीति शिक्षा से जुड़ी कहानी सुनी होगी जिससे कि इन कहानियों से आपको शिक्षा और मनोरंजन दोनों प्राप्त हुआ होगा ।
आज हम आपको घमंडी हाथी और चूहे की कहानी के बारे में बताने वाले हैं यह कहानी नैतिक शिक्षा और मनोरंजन से भरपूर है इस कहानी से आपको जीवन में बहुत अच्छे-अच्छे ज्ञानवर्धक शिक्षाएं प्राप्त होगी ।
कृपया इस हिंदी कहानी को पूरा आखिरी तक पड़े जिससे कि आप इस घमंडी चूहा और हाथी की कहानी को अच्छी तरीके से समझ पाओ ।
घमंडी हाथी और चूहा की कहानी के बारे में
कहानी का शीर्षक | घमंडी हाथी और चूहा की कहानी |
कहानी के पात्र | हाथी और चूहा |
विषय | अहंकार |
भाषा | हिदी |
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घमंडी हाथी और चूहा की कहानी (Ghamandi Haathi Or Chuha Ki Kahani)
बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक बड़ा हाथी रहता था। वह हाथी बहुत ही बड़ा और बहुत ही घमंडी था। वह सोचता था कि वह जंगल का सबसे महत्वपूर्ण और श्रेष्ठ जानवर है। उसके साथी भी इसकी बड़ी तारीके से मिलते रहते थे, लेकिन वह उन्हें हमेशा तानता था।

एक दिन, हाथी एक चूहे को देखा, जो जंगल के किनारे एक छोटे से खुदरा में खाना खा रहा था। हाथी ने चूहे को देखकर ठण्डे आंखों से देखा और उससे मजाक करने लगा।
हाथी बोला, “अरे चूहा, तू तो बिल्कुल छोटा है! तू कैसे जी सकता है इस छोटे से खुदरे में? मुझ जैसे बड़े और शक्तिशाली जानवर के सामने तू कुछ भी नहीं है।”
चूहा धीरे-धीरे उठा और बोला, “महाराज, हर किसी की शक्तियों की माप छोटी नहीं होती। छोटे जानवर भी अपनी आक्रमणक शक्ति के साथ बड़े और शक्तिशाली जानवरों के खिलाफ कुछ कर सकते हैं।”
हाथी हँसते हुए बोला, “तू क्या कर सकता है, चूहा? मुझे दिखा दे कि तू मेरे बराबर है।”
चूहा सोचा और फिर उसने अपनी चालों में बदलाव किया। वह हाथी के पास गया और तेजी से उसके कान के पास भागा, और फिर तेजी से उसकी पूंछ में घुस गया। हाथी बहुत ही परेशान हुआ और चिल्लाया, “अरे! छोटे चूहे, छोड़ मुझे!”
चूहा हाथी की पूंछ से बाहर निकल गया और बोला, “अब तू समझ गया, महाराज, कि किसी की शक्ति की माप उसके आकार से नहीं होती। यह उसकी निर्णयक बुद्धि और योग्यता से आती है।”
हाथी शरमसार हो गया और चूहे से माफी मांगी। चूहा माफी कबूल कर लिया और उसके साथ दोस्ती करने को तैयार था।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि घमंड और अहंकार कभी भी अच्छे नहीं होते, और हर जीव की अपनी खासी योग्यता होती है। हमें दूसरों का सम्मान करना चाहिए और हमेशा बड़े या छोटे के आधार पर किसी को नहीं जुदगी करना चाहिए।
यह कहानी हमें क्या सिखाती है?
इस घमंडी हाथी और चूहे की कहानी से हमें बहुत ही अच्छी-अच्छी नैतिक शिक्षा प्राप्त होती है जिसे हम आपको नीचे बता रहे हैं।
- घमंड और अहंकार का नुकसान: कहानी में हाथी का घमंड और अहंकार उसे खुद के लिए हानिकारक साबित होते हैं। उसका घमंड उसे यह सिखाता है कि हर किसी की महत्वपूर्ण नहीं होती, और वो दूसरों की बड़ाई को नकारने का नुकसान हो सकता है।
- योग्यता का महत्व: चूहे का कौशल और योग्यता उसे हाथी के सामने सफलता प्राप्त करने में मदद करता है। यह हमें यह बताता है कि आपके कौशल और प्रतिबद्धता आपके आकार से ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
- समझदारी: चूहे की समझदारी और बुद्धिमत्ता उसे हाथी के सामने सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। हमें यह सिखाती है कि हमें गर्व से नहीं, बल्कि समझदारी से काम लेना चाहिए।
- सहमति और माफी: चूहे ने हाथी के साथ सहमति और माफी की प्रस्तावना की, जिससे दोनों के बीच दोस्ती हुई। यह हमें सिखाता है कि हमें गलती को स्वीकार करना और दूसरों के साथ सहमति प्राप्त करने की क्षमता होनी चाहिए।
कुल मिलाकर, यह कहानी हमें यह सिखाती है कि अहंकार और घमंड से बचना चाहिए, और हमें सभी को समझदारी और समझदारी के साथ देखना चाहिए, चाहे वो छोटा हो या बड़ा।
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घमंडी हाथी और चूहा की कहानी से जुड़े सवाल जवाब
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इस कहानी में हाथी का मिजाज कैसा है?
इस कहानी में हाथी बहुत ही अकडू और घमंडी कृष्ण का है पूर्ण ग्राम
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इस कहानी से हमने क्या सिखा?
इस कहानी के समय में नैतिक शिक्षा मिलती है कि जीवन में हमें कभी भी घमंड और अहंकार नहीं करना चाहिए पूर्ण ग्राम
आशा है कि अब आप इस कहानी को पूरा पढ़कर जो की घमंडी हाथी और चूहे की कहानी है इससे जुड़ी बहुत अच्छे-अच्छे नैतिक शिक्षा आपको प्राप्त हो गई होगी ।
अगर आपको ऐसे ही अन्य नई-नई नैतिक शिक्षा से भरपूर और मनोरंजन युक्त कहानी सुनाई है हिंदी भाषा में तो हमारी वेबसाइट HindiNeer.com को फॉलो कीजिए।