परियों की कहानी: वैसे तो अपने परियों की कहानी कई सुनी होगी इन कहानियों से आपको मनोरंजन और शिक्षा दोनों मिली होगी। हम आपको आज परियों की एक ऐसी अजब अनोखी कहानी सुनाने वाले हैं जिसे पढ़कर आपको आनंद के साथ-साथ एक जरूरी शिक्षा भी मिलेगी।
तो आप इस कहानी को अपने बच्चों को या अन्य किसी को जरूर सुनाएं जिससे कि इस कहानी से उन्हें भी मनोरंजन और शिक्षा प्राप्त हो सके।
और यह हिंदी कहानी (Pariyo ki Kahani in Hindi) आपको ज्ञानवर्धक लगी है तो अपने मित्रों को भी जरूर शेयर करना तो चलिए लिए जानते हैं परियों की इस अनोखी कहानी के बारे में।
परियों की कहानी के बारे में
कहानी का शीर्षक | परियों की कहानी |
कहानी के पात्र | तेनालीराम और देवराज इंद्र |
विषय | सभी को सम्मान देना चाहिए। |
भाषा | हिदी |
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परियों की कहानी (Pariyo ki Kahani)
परियों की कहानी (तेनालीराम और देवराज इंद्र)
एक समय की बात है, जब पृथ्वी पर परियों की जगह थीं और वे अपनी सुंदरता, करिश्मा और अद्भुत शक्तियों के लिए प्रसिद्ध थीं। एक बार देवलोक में एक विवाद उठा, क्योंकि कुछ परियों को लगा कि वे अन्यों से अधिक महत्वपूर्ण हैं और अधिक प्रभावशाली हैं।
देवराज इंद्र ने इस विवाद को देखा और समाधान के लिए तेनालीराम को बुलाया। तेनालीराम एक विचारशील और बुद्धिमान व्यक्ति थे और वे समाधान ढूंढ़ने के लिए जाने जाते थे।

उन्होंने देवराज इंद्र से पूछा, “महाराज, आप क्या चाहते हैं कि मैं करूँ?”
इंद्र ने कहा, “तेनालीराम, मैं इस विवाद का समाधान चाहता हूँ। कृपया मुझे बताइए, परियों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण कौन है?”
तेनालीराम ने हंसते हुए कहा, “महाराज, अगर आप मुझे थोड़ी सी समय दें तो मैं इस विवाद का समाधान ढूंढ़ सकता हूँ।”
इंद्र ने सहमति दी और तेनालीराम को समय दिया।
तेनालीराम ने अपनी योग्यता को देखते हुए सभी परियों को एक बड़ी और उच्चतम मंच पर बुलाया। उन्होंने कहा, “प्रिय परियों, हम इस विवाद को समाधान करने के लिए एक खेल खेलेंगे। जो परी यह सिद्ध करेगी कि वे सबसे महत्वपूर्ण हैं, उसे यह पुरस्कार मिलेगा।”
परियां बहुत उत्साहित हुईं और खेल शुरू हुआ। खेल के दौरान, तेनालीराम ने एक बड़े पेड़ की जड़ उठाई और पूछा, “किसी परी को इस पेड़ की जड़ तक पहुंचने का समर्थन करने की क्षमता है?”
परियां तत्परता से जड़ तक पहुंचने के लिए प्रयास करने लगीं, लेकिन किसी को यह सफलता नहीं मिली। सभी थक गईं और अपनी हार मान लीं।
तेनालीराम ने मुस्कराते हुए कहा, “महाराज, देखें, कोई भी परी इस पेड़ की जड़ तक पहुंचने में सफल नहीं हो सकती है। यह सिद्ध करता है कि हर परी की अपनी अद्वितीयता और शक्ति है और हर एक का महत्व अपना ही है। हमें सभी को सम्मान देना चाहिए और सबकी एक दूसरे के साथ मेल-जोल रखना चाहिए।”
राजा कृष्णदेव राय ने तेनालीराम के समाधान को स्वीकार किया और सभी परियों को उनके महत्व के साथ सम्मानित किया। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हर व्यक्ति अपनी अद्वितीयता, कारिश्मा और महत्व के साथ महत्वपूर्ण होता है और हमें सभी को सम्मान देना चाहिए।
यह कहानी हमें क्या सिखाती है?
यह कहानी हमें सिखाती है कि हर व्यक्ति में अपनी अद्वितीयता और महत्व होता है। जब व्यक्ति अपनी खुद की महत्वपूर्णता को समझता है और दूसरों की महत्वपूर्णता का सम्मान करता है, तो सभी में सहयोग, समानता और समरसता बढ़ती है। हमें सभी को सम्मान देने की आवश्यकता है, चाहे वे हमारे समाज के किसी भी पदाधिकारी हों या साधारण लोग हों। सभी के योग्यताओं और योगदानों को महत्व देने से हमारे समाज में समृद्धि, एकता और सामाजिक समरसता का विकास होता है।
परियों की कहानी (लीला और पारियां)
एक बहुत समय पहले की बात है, जब इस दुनिया में परी अपनी महिमा फैलाती थीं। वे सुंदर, प्यारी और प्रशंसित होती थीं। परी इंसानों के बीच छिपी रहती थीं, परंतु कुछ विशेष अवसरों पर वे आ जाती थीं और लोगों को अपनी अमूल्य वरदानों के लिए धन्यवाद देती थीं।
एक बार, एक छोटे से गांव में एक लड़की नाम लीला रहती थी। वह बहुत अच्छी और पवित्र आत्मा वाली थी, और सभी उसे प्यार से जानते थे। लीला दिनभर परियों के बारे में सोचती थी और उनकी दुनिया में रहने की ख्वाहिश रखती थी।
एक रात, जब पूरा गांव सो रहा था, लीला अपनी माता की अनुमति से एक माला लेकर जंगल में चली गई। जंगल में उसने अनेक पेड़-पौधों को देखा और वहां उनके साथ बातचीत की। वह रोमांच से भरपूर था जब एक दरवाज़ा दिखाई दिया, जो परीओं के आवास के रूप में जाना जाता था।
लीला ने अपनी सारी बहादुरी इकट्ठी करते हुए दरवाजे की ओर बढ़ते हुए देखा। वह अंदर चली गई और अपने हौसलों के बीच बढ़ते हुए एक आकर्षक बगीचे में पहुंची, जहां विभिन्न प्रकार की परी बसी हुई थीं।
पहली परी, जिसका नाम प्रिया था, एक सुंदर सुन्दरी थी और वातावरण को आनंदित करने में रुचि रखती थी। दूसरी परी, जिसका नाम आकाशा था, संगीत की दुनिया में विशेष रुचि रखती थी। तीसरी परी, जिसका नाम वर्षा था, वृक्षों और पौधों को जीवंत रखने का कार्य करती थी।
लीला अद्भुतता से बसी रह गई और परियों की खूबसूरत कथाओं को सुनते हुए उनकी जिंदगी में रंग भर दिया। वह यह भी जानती थी कि परियों की आस्था बहुत गहरी होती है और उनके शक्तिशाली वरदानों से जीवन में परिवर्तन लाया जा सकता है।
वक्त बितते बिताते, लीला के मन में एक सवाल उठा – क्या वह एक परी बन सकती है? वह परियों की मदद करने और लोगों की जिंदगी में सुख लाने का इरादा रखती थी। वह आकाशा, प्रिया और वर्षा के पास गई और अपनी इच्छा का बयान किया।
परियाँ उसकी ईमानदारी और सादगी को देखकर खुश हुईं और उसे एक परी बनाने का फैसला किया। वे उसे विशेष शक्तियों और दिव्य वस्त्रों से सम्पन्न कर दी, जो उसे परी बनने की स्थिति में रखने के लिए आवश्यक थीं।
लीला एक नई परी के रूप में उज्ज्वल बनी और अब उसे लोगों की मदद करने का नया कार्य सौंपा गया। उसने गांव के लोगों को आशा, प्रेम, शांति और सुख के संदेश दिए और उन्हें परियों के बारे में बताया।
उसका समय आगे बढ़ता गया और उसने देश-दुनिया घूमकर लोगों की समस्याओं का समाधान किया। वह बच्चों को खुश रखती और उन्हें सपनों की दुनिया में ले जाती थी। लीला के द्वारा बनाए गए कार्यों और प्रेम की शक्ति ने उनकी प्रभावशाली मौजूदगी को साबित किया।
लीला की कहानी सुनकर लोग उसे बड़े प्यार और सम्मान के साथ याद करते हैं। और वह एक परी के रूप में बसने वाली छोटी लड़की के लिए एक प्रेरणा की स्रोत रही है, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए उम्मीद और शक्ति ढूंढती है।
यह कहानी हमें क्या सिखाती है?
यह कहानी हमें कई महत्वपूर्ण सिखाए देती है:
- पुरस्कार की प्राप्ति के लिए परिश्रम: लीला ने अपनी सादगी, ईमानदारी और परिश्रम से परी बनने का अवसर प्राप्त किया। हमें यह सिखाती है कि सफलता और उच्च स्थान प्राप्त करने के लिए मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है।
- अपने सपनों का पीछा करना: लीला ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए साहस और आत्मविश्वास दिखाया। हमें यह याद दिलाती है कि हमें अपने सपनों का पीछा करना चाहिए और उन्हें प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।
- दूसरों की मदद करना: लीला ने परी बनने के बाद अपनी शक्तियों का उपयोग करके लोगों की मदद की। इससे हमें यह याद दिलाया जाता है कि हमें समाजसेवा करनी चाहिए और दूसरों के साथ सहानुभूति और दया दिखानी चाहिए।
- सादगी और ईमानदारी की महत्व: लीला ने अपनी सादगी और ईमानदारी के कारण परियों के द्वारा मान्यता प्राप्त की। हमें यह सिखाती है कि जीवन में सत्य और सादगी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और हमें यही रचना चाहिए।
- सपनों की शक्ति: लीला ने यह दिखाया कि सपनों की शक्ति अद्भुत होती है और उन्हें पूरा करने के लिए हमें उन पर विश्वास रखना चाहिए। यह हमें यह याद दिलाती है कि हमारे सपने हमारे जीवन का मार्गदर्शन कर सकते हैं और हमें अपने लक्ष्यों की ओर ले जा सकते हैं।
इस प्रकार, “परियों की कहानी” हमें समर्थन, सेवा, आत्मविश्वास, सादगी, सपनों की शक्ति और मेहनत के महत्व को समझाती है। यह हमें एक प्रेरणादायक संदेश देती है कि हमारी अपार सामर्थ्यता और संगठनशीलता से हम अपने और दूसरों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
इन कहानी को भी पड़े-
परियों की कहानी से जुड़े सवाल जवाब
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यह कहानी किस पर आधारित है?
परियो पर।
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इस कहानी से हमने क्या सिखा?
सभी को सम्मान देना चाहिए।