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शेर और खरगोश की कहानी | Sher aur Khargosh ki Kahani in Hindi

शेर और खरगोश: बुद्धिमानी और समझदारी की कहानी: क्या आपने कभी सोचा है कि शक्ति और ताकत के सिवाय कोई और गुण भी हो सकते हैं जो हमें सफलता की ओर ले जा सकते हैं? यह कहानी एक चर्चित पंचतंत्र कहानी है, जो हमें बताती है कि वानगमत्ता, चतुराई, और बुद्धिमानी की एक अद्वितीय मिश्रण किसी भी ताकतवर शक्ति को हरा सकती है।

इस ब्लॉग पोस्ट में, हम इस प्रसिद्ध कहानी “शेर और खरगोश” के माध्यम से यह जानेंगे कि कैसे एक चिंतनशील और समझदार खरगोश शेर को पराजित कर सकता है। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि ताकतवर होने के बावजूद, समझदारी, संवेदनशीलता, और योग्यता सबसे महत्वपूर्ण हो सकती हैं।

आइए इस कहानी के माध्यम से जानेंगे कि कैसे खरगोश ने अपनी चतुराई और बुद्धिमत्ता से शेर को हराया और हमें यह सिखाया कि हमारे अंदर छिपी हुई क्षमताओं को खोजना और सही तरीके से उपयोग करना कितना महत्वपूर्ण हो सकता है।

शेर और खरगोश की कहानी के बारे में (Sher aur Khargosh ki Kahani)

कहानी का शीर्षकशेर और खरगोश
कहानी के पात्रशेर, खरगोश ओए जंगल के जानवर
विषय चतुराई और बुद्धिमत्ता
भाषा हिदी
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शेर और खरगोश की कहानी

एक बार की बात है, एक जंगल में एक शेर (lion) और एक खरगोश (rabbit) रहते थे। शेर बहुत ही बड़ा और शक्तिशाली था, जबकि खरगोश छोटा और नाजुक था। इसलिए, शेर खरगोश से हमेशा मजाक उड़ाता था और उसे डराने की कोशिश करता था।

एक दिन, शेर खरगोश को जंगल के आगे बहुत बड़ा दिखाने के लिए अपनी ताकत और बहादुरी का प्रदर्शन करने का सोचा। शेर खरगोश को बुलाया और बोला, “देखो, मैं यहां देखिए, मैं तो जंगल का बादशाह हूँ। कोई भी मुझसे टकराने की कोशिश न करे, वरना उसका हाल भी बुरा होगा।”

शेर और खरगोश की कहानी

खरगोश को शेर की यह बात अच्छी नहीं लगी। वह जानता था कि शेर की ताकत में कोई संदेह नहीं है, लेकिन उसका मतलब यह था कि शेर अपनी ताकत का दिखावा कर रहा है। खरगोश ने सोचा कि वह इस ताकत प्रदर्शन का मजाक उड़ा सकता है।

खरगोश ने शेर से कहा, “मुझे यकीन है कि आप वास्तव में बहुत महान हैं, लेकिन जंगल के बादशाह का असली चेहरा देखने के लिए मुझे एक छोटा प्रमाण चाहिए। क्या आप मुझे यह दिखा सकते हैं कि आप कितना तेज हो सकते हैं?”

शेर गर्व से भरा हुआ था और वह इस मौके का लाभ उठाना चाहता था। वह बिना सोचे समझे खरगोश को बाजा पर ले गया। उसने कहा, “ठीक है, तैयार रहिए और ध्यान से सुनिए!”

शेर ने बाजा पर दौड़ लगाई और खरगोश से कहा, “अब तैयार हो जाइए, मैं अब दौड़ लगाता हूँ!”

शेर ने अपनी ताकत और तेजी से दौड़ लगाई, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि खरगोश बहुत तेज दौड़ने में माहिर था। खरगोश शेर के दौड़ में एक आगे निकल गया।

जब शेर वापस आया, तो उसने देखा कि खरगोश वहीं पर खड़ा हो गया था जहां वह पहले था। शेर बहुत ही हैरान हुआ और खरगोश से पूछा, “तुमने कैसे किया? मैं तो तुम्हें बचा लेता, फिर तुमने कैसे मुझे पीछे छोड़ दिया?”

खरगोश एक प्यारे अंदाज में बोला, “शेर भैया, आप तो बड़े ताकतवर हैं, लेकिन मैं तो एक चुनिंदा खरगोश हूँ। मैं ताकत के बजाय बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल करता हूँ। जब आप दौड़ लगाने गए तो मैं दिमाग से सोचकर उस बिल की ओर भाग गया, जिसमें मैं पहले से सुरक्षित था। इसलिए, मैं आसानी से आपसे आगे निकल गया।”

शेर अपनी भूल को समझ गया और खरगोश के प्रति अद्भुत आदर और सम्मान दिखाने लगा। वह समझ गया कि ताकत के बजाय समझदारी और चतुराई कभी-कभी ज्यादा महत्वपूर्ण होती है।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि जीवन में ताकत एक महत्वपूर्ण गुण है, लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि हम ताकत के साथ अहंकार भी धारण करें। बजाय इसके, हमें बुद्धिमत्ता, योग्यता, और समझदारी का इस्तेमाल करना चाहिए।

यह कहानी हमें क्या सिखाती है?

यह कहानी हमें कई महत्वपूर्ण सबक सिखाती है:

  1. ताकत और सामर्थ्य केवल सबको डराने या जीतने के लिए ही नहीं होते हैं। खरगोश द्वारा प्रदर्शित किया गया यह ज्ञान है कि ताकत के साथ समझदारी, योग्यता और बुद्धिमत्ता का उपयोग करना हमें सफलता और जीवन में प्रभावी बनाता है।
  2. हमेशा वानगमत्ता की ओर ध्यान देना चाहिए। खरगोश ने बाजा पर दौड़ते समय वानगमत्ता का उपयोग किया और शेर को पीछे छोड़ दिया। हमें अपने कार्यों में धीरज और समय का उपयोग करना चाहिए और अच्छी तरह से सोचकर निर्णय लेना चाहिए।
  3. अहंकार से दूर रहना महत्वपूर्ण है। शेर अपनी ताकत में इतना इतराने लगा कि उसे अपनी कमजोरियाँ और खुद की भूल नजर नहीं आई। इसके बजाय, हमें संवेदनशीलता, सम्मान और सहनशीलता के साथ अपनी सामर्थ्य को स्वीकार करना चाहिए।
  4. आपातकाल में भी सामरिक और विवेकपूर्ण निर्णय लेना चाहिए। खरगोश ने अपनी चतुराई का इस्तेमाल करके खुद को बचा लिया, जबकि वह शेर की ताकत के सामने असामरिक हो गया। हमें दुविधाओं और परेशानियों के सामने विचारशीलता और चतुराई दिखानी चाहिए।

यह कहानी हमें यह बताती है कि जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त करने के लिए ताकत से अधिक बुद्धिमत्ता, सहजता और संवेदनशीलता का उपयोग करना चाहिए।

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कहानी से जुड़े सवाल जवाब

  1. इस कहानी में शेर कौन है?

    शेर इस कहानी में एक प्रतीक है, जो सामान्यतः ताकत, बल और शक्ति का प्रतीक होता है। शेर इस कहानी में मुख्य चरित्र के रूप में प्रस्तुत होता है, जिसका गर्व अपनी ताकत पर होता है और वह खरगोश को अपनी शक्ति और तेज़ी के साथ हरा देने के लिए उससे दौड़ में मुकाबला करना चाहता है। शेर जीवन के अन्यतम संकटों और परिस्थितियों के साथ जुड़े जीवन के मुख्य कठिनाइयों को प्रतिष्ठान देता है।

  2. इस कहानी से सबसे ताकतवर कौन है?

    इस कहानी में, सबसे ताकतवर चरित्र खरगोश है। खरगोश विवेकपूर्ण, चतुर और समझदार होता है। वह शेर के सामरिक ताकत को मात देता है और अपनी सामर्थ्य का सही उपयोग करके शेर को पीछे छोड़ जाता है।

  3. इस कहानी के अंत में कौन जीतता है?

    इस कहानी में, खरगोश जीतता है। खरगोश अपनी चतुराई, बुद्धिमत्ता और समझदारी के साथ शेर को मात देता है।

  4. यह कहानी हमें क्या सिखाती है?

    दिमाग का उपयोग, ताकत की सीमा, सहनशीलता और सम्मान, अपनी सामर्थ्य का पहचानना, वानगमत्ता का महत्व ।

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