जीनोम सिक्वेंसिंग क्या है ? | Genome Sequencing Kya hai

जीनोम सिक्वेंसिंग: नमस्कार! दोस्तों अगर आप यह नहीं जानते हो कि जिनोम सीक्वेंसिंग क्या होती है, और यह है किस प्रकार कार्य करता है, और इससे किस प्रकार किसी वायरस के बारे में जानकारी निकाली जा सकती है I

तो आज हम आपको इस आर्टिकल में जोकि आज के समय में काफी ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है I कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट जिसका नाम ओमिक्रोन वेरिएंट है इसकी जानकारी पाने के लिए किस तरह Genome Sequencing की जाती है I

आज के इस आर्टिकल में हम आपको जिनोम सीक्वेंसिंग से जुड़े सभी जरूरी जानकारी उपलब्ध करवाएंगे I जिससे कि आप जीनोम अनुक्रमण, या जीनोम मैपिंग के बारे में पूरी डिटेल में जानकारी प्राप्त कर पाओगे कृपया इस पोस्ट को पूरा अंत तक पढ़े I

जीनोम सिक्वेंसिंग क्या है ? ( What is Genome Sequencing ?)

जीनोम सिक्वेंसिंग को आसान भाषा में जाने के लिए हम आपको बता दें कि यह प्रक्रिया एक तरह से किसी भी वायरस के बायोडाटा जैसे उसके व्यवहार उसकी म्यूटेशन के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए प्रक्रिया है I जिसे सुपर कंप्यूटर के माध्यम से मैपिंग की जाती है I

जिससे कि इस वायरस के बारे में समस्त जानकारी हासिल की जाती है, ताकि किसी भी घातक वायरस के बारे जानकारी हासिल करके इससे बचा जा सकता है I किसी भी वायरस के एक विशाल ग्रुप को जीनोम कहते हैं और वायरस के बारे में जानकारी पाने की प्रक्रिया को जिनोम सीक्वेंसिंग कहते हैं I

जीनोम सिक्वेंसिंग

अभी वर्तमान समय में जिनोम सीक्वेंसिंग के द्वारा ही कोरोना वायरस के नए वेरिएंट हो ओमिक्रोन स्ट्रेन के बारे में पता चला है ।

जीनोम सिक्वेंसिंग को किन-किन नामो से जाना जाता है ?

भारत में जिनोम सीक्वेंसिंग ( Genome Sequencing ) को 2 नामों से जाना जाता है इसे जीनोम अनुक्रमण या जीनोम मैपिंग भी कहा जाता है यह दोनों नाम भारत में हिंदी भाषा में प्रचलित है।

भारत में जिनोम सीक्वेंसिंग नाम-

  • जीनोम अनुक्रमण
  • जीनोम मैपिंग

आखिर क्यों जीनोम सिक्वेंसिंग इतने चर्चा में है ?

जैसे की हम सब जानते हैं कि जिनोम सीक्वेंसिंग या जीनोम अनुक्रमण प्रक्रिया कोई नया नाम है I यह कई वर्षो से मेडिकल क्षेत्र में इसका उपयोग होता रहा है I जिससे कि किसी भी वायरस के बारे में उसकी जानकारी हासिल करके उस वायरस को नष्ट करने में काफी ज्यादा सहायता मिलती रही है I

लेकिन अभी हाल ही में कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन जिसका नाम ओमिक्रोम (Omicron variant) रखा गया है, इसकी जानकारी भी जिनोम सीक्वेंसिंग प्रक्रिया के द्वारा ही पता चली है I

इस प्रक्रिया के माध्यम से कोरोना वायरस के इस नए रूप के बारे में चौंकाने वाली जानकारी मिली है I अभी वर्तमान में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जांच करने के लिए जिनोम सीक्वेंसिंग प्रक्रिया का ही उपयोग किया जा रहा है I जिससे कि कोरोना के नए स्ट्रेन से मानव जाति को बचाया जा सके।

जीनोम सिक्वेंसिंग के फायदे क्या है ?

जिनोम सीक्वेंसिंग प्रक्रिया के माध्यम से किसी भी वायरस के व्यवहार उसके रूप बदलने की क्षमता उसके प्रोटीन में होने वाले बदलाव आदि के बारे में पता लगाना एक बहुत ही जटिल कार्य होता है I एक बार जमीन वायरस हो के बारे में जानकारी प्राप्त हो जाती है, तो इसके निम्न प्रकार के फायदे प्राप्त होते हैं जो की इस प्रकार से है I

  • इससे किसी बीमारियों का इलाज करने में सहायता मिलती है I
  • मानसिक और शारीरिक से जुड़े जटिल रोगों में भी इलाज किया जा सकता है I
  • किसी भी संक्रामक वायरस का उपचार किया जा सकता है I

जीनोम सिक्वेंसिंग से कैसे किसी वाइरस का नया स्ट्रेन पता लगाते है ?

किसी भी वायरस की जिनोम सीक्वेंसिंग करने के लिए नीचे दी गई निम्न process को फॉलो करके किसी भी वायरस के बारे में जानकारी हासिल की जाती है, इन जानकारी को हासिल करने की प्रक्रिया नीचे बताई गई है।

जीनोम सिक्वेंसिंग कैसे की जाती है?

  1. जिनोम सीक्वेंसिंग के पहले चरण में से किसी भी वायरस पार्टिकल से जेनेटिक मैटेरियल को RNA के फॉर्म में अलग किया जाता है I
  2. अगली प्रक्रिया में इसे DNA के रूप में बदल दिया जाता है, और इसके बाद किसी ही वायरस कि सीक्वेंसिंग का विश्लेषण किया जाता है I
  3. sars cov 2 के RNA में करीब 30,000 मॉलिक्यूल यानी अणु होते हैं, जिनकी अपनी अलग-अलग प्रॉपर्टीज उपलब्ध होती है, इन प्रॉपर्टीज को देखकर विज्ञानिक उस वायरस की जिनोम सीक्वेंसिंग का पता लगाते हैं I
  4. इसके बाद इस सीक्वेंसिंग की तुलना पिछले स्ट्रेन के साथ करते हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि स्ट्रेन पुराना है या नया I
  5. इस प्रकार किसी भी वायरस का पता जिनोम सीक्वेंसिंग से लगाया जाता है I
अगर वैज्ञानिकों को कुछ नया डाटा प्राप्त होता है तो वह इस सीक्वेंसिंग के रिजल्ट को सार्वजनिक रूप से डेटाबेस के माध्यम से पब्लिश कर देते हैं जिसके माध्यम से सरकार द्वारा कोविड-19 की स्थिति पर वैश्विक जागरूकता को एक दिशा दी जाती है।

जीनोम सिक्वेंसिंग जानने में कितना समय लगता है?

जिनोम सीक्वेंसिंग कोई एक साधारण प्रक्रिया नहीं है, यह एक लॉन्ग टाइम प्रक्रिया है, इसमें प्रत्येक वायरस के आधार पर अलग-अलग समय लगता है I पहले किसी भी सीक्वेंसिंग का पता लगाने में 30 दिन का समय लगता था I

लेकिन कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का पता लगाने में अभी वर्तमान में 3 से 4 दिन का समय लगता है कुल मिलाकर चिकित्सक विशेषज्ञों के कथन अनुसार कोरोना वायरस के नएओमिक्रोन कि पुष्टि का पता लगाने में अभी डॉक्टरों को 3 से 4 दिन का समय लगता है ।

जीनोम सिक्वेंसिंग लैब भारत में कहाँ है ?

भारत अभी देश में वर्तमान समय में जीनोम सिक्वेंसिंग की कुल 10 ही लैब है I जहां से किसी भी वायरस के बारे में पता लगाया जाता है, देश में इतनी कम लेब होने के कारण किसी वायरस का जीनोम सीक्वेंसिंग की प्रक्रिया में काफी ज्यादा समय लगता है I

इस कारण कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के बारे में पुष्टि होने में इतना अधिक समय लग रहा है I

भारत में इन लैब के स्थान इस प्रकार से है-

  1. इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (नई दिल्ली)
  2. CSIR-आर्कियोलॉजी फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (हैदराबाद)
  3. DBT – इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (भुवनेश्वर)
  4. DBT-इन स्टेम-एनसीबीएस (बेंगलुरु)
  5. DBT – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (NIBMG)
  6. (कल्याणी, पश्चिम बंगाल),
  7. ICMR- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (पुणे)

जीनोम सिक्वेंसिंग (जीनोम मैपिंग) से जुड़े सवाल-जवाब

Q1 क्या जिनोम सीक्वेंसिंग से कोरोना की जांच की जाती है?

नहीं इससे किसी भी वायरस के व्यवहार के बारे में पता लगाया जाता है I

Q2 भारत में वर्तमान समय में जिनोम सीक्वेंसिंग की कुल कितनी लेब है?

अभी के समय में जिनोम सीक्वेंसिंग की कुल 10 लैब है I

Q3 जिनोम सीक्वेंसिंग से कोरोना वायरस के वैरीअंट का पता लगाने में कितना समय लगता है?

इस प्रक्रिया में 3 से 4 दिन का समय लगता है I

Q4 किसी भी वायरस का जिनोम सीक्वेंसिंग करवाने में कुल कितना खर्च आता है?

जिनोम सीक्वेंसिंग करवाने के लिए खर्च सरकार द्वारा ऑफिशल नहीं किया गया है एक सरकारी प्रक्रिया है ।

मुझे पूरा विश्वास है कि अब आप इस पोस्ट को पड़ने करने के बाद वर्तमान समय में चर्चित हो रही नहीं नाम जिसका नाम जिनोम सीक्वेंसिंग है I से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी आपको इस आर्टिकल के माध्यम से जानने को मिल गई होगी I

अगर आपको जिनोम सीक्वेंसिंग से जुड़े किसी भी प्रकार के सवाल यह तो नीचे कमेंट के माध्यम से हमें बताएं जिसका जवाब हम इस पोस्ट में देने की कोशिश करेंगे धन्यवाद। और जानकारी पाने के लिए हमारी वेबसाइट हिन्दिनियर (HindiNeer.com) को फॉलो करे I

Previous articleमिस यूनिवर्स हरनाज कौर संधू का जीवन परिचय (Biography)
Next articleपेटीएम से Gas Cylinder Booking कैसे करे? (मोबाइल से)
हेलो दोस्तों! में Mayur Arya [hindineer.com] का Author & Founder हूँ। में Computer Science (C.s) से ग्रेजुएट हूँ। मुझे latest Topic (हिन्दी मे) के बारे में जानकारी देना अच्छा लगता है। और में Blogging क्षेत्र में वर्ष 2018 से हूँ। इस ब्लॉग के माध्यम से आप सभी का ज्ञान का स्तर को बढाना यही मेरा उद्देश्य है ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here