लोमड़ी और अंगूर की कहानी | Lomdi Aur Angoor ki Kahani in Hindi

आज हम आपको लोमड़ी और अंगूर की एक ऐसी अनोखी कहानी सुनाइए जिसे पढ़कर आनंद भी आएगा और शिक्षा भी मिलेगी।

इस कहानी में आप मेहनत दोस्ती और आपसी समन्वय का परिचय के आधार पर किसी भी कार्य को संपूर्ण कार्य किया जाता है इस हिंदी कहानी से आपको सीखने को मिलेगा। तो चले आइए जानते हैं लोमड़ी और अंगूर की इस नई कहानी के बारे में।                                                                                                                   

लोमड़ी और अंगूर की कहानी के बारे में

कहानी का शीर्षकलोमड़ी और अंगूर की कहानी
कहानी के पात्रलोमड़ी और अंगूर
विषयमेहनत
भाषा हिदी
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लोमड़ी और अंगूर की कहानी (Lomdi Aur Angoor ki Kahani)

एक समय की बात है, जब लोमड़ी एक जंगल में रहती थी। वह बहुत ही चालाक और खुशमिजाज थी। जंगल में उसे बहुत सारे दोस्त मिलते थे, लेकिन उसका सबसे अच्छा दोस्त था एक अंगूर।

लोमड़ी और अंगूर दिन भर मिलकर खेलते, बातें करते और मौज मस्ती करते थे। वे दोनों आपस में बहुत प्यार से बातें करते और एक-दूसरे के साथ हंसी-मजाक करते रहते थे।

लोमड़ी और अंगूर की कहानी

एक दिन, जब लोमड़ी और अंगूर बातें कर रहे थे, तभी लोमड़ी को बड़ी भूख लगी। वह बोली, “मेरे प्यारे अंगूर, मुझे कुछ खाने का बहुत मन हो रहा है। क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो?”

अंगूर ने मुस्कराते हुए कहा, “बिल्कुल, मेरी प्यारी लोमड़ी, मैं तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार हूँ। हमें कुछ ऐसा खाने को ढूंढ़ना चाहिए जो हम दोनों के लिए अच्छा हो।”

लोमड़ी और अंगूर मिलकर उन्हें खोजने निकले। वे अगले कुछ देर तक जंगल में घूमते रहे, लेकिन खाने की कोई अच्छी वस्तु नहीं मिली। उन्हें निराशा हो रही थी और वे घर लौटने की तैयारी कर रहे थे।

तभी एक बारीक दिखने वाली खास गिलासी में सुरमा बरसा हुआ दिखाई दिया। लोमड़ी ने इसे देखा और बहुत खुश हुई। उसने अंगूर से कहा, “देखो, वहाँ एक सुरमा है। हमें उसे प्राप्त करना चाहिए।”

अंगूर भी खुश हो गया और बोला, “हाँ, तू बहुत ही चालाक है, मेरी प्यारी लोमड़ी। हमें उस गिलासी में सम्मिलित होने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।”

लोमड़ी और अंगूर ने मिलकर मेहनत करते हुए गिलासी के पास पहुंचे। वे मिलकर गिलासी में चढ़ गए और उसमें बहुत खुश हो गए। वे दोनों साथ में उस खास सुरमा का स्वाद लिया।

यह घटना दिखा रही थी कि जब दो दोस्त मिलकर मेहनत करते हैं, तो वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं और अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। इस खास कहानी में लोमड़ी और अंगूर ने एक-दूसरे की मदद की और साथ में समर्पण और मेहनत का प्रतीक दिखाया। यह एक बहुत ही मजेदार और सीखदायक कहानी है।

यह कहानी हमें क्या सिखाती है?

यह कहानी हमें कई महत्वपूर्ण सिख देती है। नीचे कुछ मुख्य सिख सूचीबद्ध की गई है-

  1. दोस्ती की महत्व: कहानी में लोमड़ी और अंगूर की दोस्ती दिखाई गई है, जो इसकी प्रमुख सीख है। यह बताता है कि सच्ची दोस्ती और सहयोग हमारे जीवन में खुशियों को बढ़ाते हैं।
  2. सहयोग और टीमवर्क: लोमड़ी और अंगूर ने एक साथ काम करके गिलासी में सम्मिलित होने का मुख्य उद्देश्य पूरा किया। यह दिखाता है कि सहयोग और टीमवर्क महत्वपूर्ण होते हैं ताकि हम संयुक्त रूप से लक्ष्य की प्राप्ति कर सकें।
  3. मेहनत और समर्पण: लोमड़ी और अंगूर को खाना पाने के लिए मेहनत करनी पड़ी। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि मेहनत, समर्पण, और संघर्ष के माध्यम से हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
  4. चालाकी और बुद्धिमता: लोमड़ी इस कहानी में चालाकी और बुद्धिमता के प्रतीक के रूप में दिखाई गई है। वह अंगूर के साथ मिलकर उन्हें खाने का समाधान ढूंढ़ने के लिए अपनी चालाकी का उपयोग करती है। इससे हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपनी समस्याओं को हल करने के लिए अपनी बुद्धिमता का उपयोग करना चाहिए।
  5. संयम और संवेदनशीलता: कहानी में लोमड़ी और अंगूर की दोस्ती और सहयोग में संयम और संवेदनशीलता का प्रदर्शन होता है। वे एक-दूसरे की जरूरतों को समझते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए संयम बनाए रखते हैं। यह हमें सिखाता है कि हमें दूसरों के प्रति संवेदनशीलता और संयम के साथ रहना चाहिए।
यह कहानी हमें अच्छी मित्रता, सहयोग, मेहनत, चालाकी, बुद्धिमता, संयम, और संवेदनशीलता जैसे मूल्यों का महत्व बताती है। ये सभी महत्वपूर्ण सिख हमारे जीवन में सफलता और खुशहाली की प्राप्ति में मदद करते हैं।

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लोमड़ी और अंगूर की कहानी से जुड़े सवाल जवाब

  1. यह कहानी किस पर आधारित है?

    यह कहानी खुदाईबर्गा रेज़ा की एक पुरानी उर्दू कहानी “लोमड़ी और अंगूर” पर आधारित है। यह कहानी उर्दू साहित्य का एक प्रसिद्ध किस्सा है और इसे बच्चों के मनोरंजन और शिक्षात्मक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है।

  2. यह कहानी हमें क्या सिख देती है?

    सहयोग का महत्व, मेहनत और समर्पण, संयम और चालाकी और मित्रता का महत्व।

  3. इस कहानी का मुख्य शीर्षक क्या है?

    अच्छी मित्रता, सहयोग, मेहनत, चालाकी, बुद्धिमता, संयम, और संवेदनशीलता।

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